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नयी नयी उमंग लेकर आया है
नया साल नयी नयी तरंग लेकर आया है .
इस नए साल में हम सभी को एक नयी प्रेरणा ,एक नयी सच्चाई से आगे आना होगा. आज यूथ बहुत सक्रिय है .पर इसमें से ही कुछ लोग ऐसे भी है जो सभी कुछ कचरा करने में लगे है है उन्हें अपने स्वार्थ के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता है.ओर कई बार वे यूथ में शामिल होने का नाटक करते है ओर उन्हें बेवकूफ भी बनाने की कोशिश करते है ,जो वाकई इस देश को सही तरीके से बदलना चाहते है.मैं उस यूथ से कहना चाहूंगी की वे सही समय ओर सही लोगो को चुनकर आगे बड़े .नहीं तो नापाक इरादों के आगे हम सभी हमेशा बेबस ही खड़े रह जायेंगे .मैंने कई बार देखा है कही कही सही चीजों के लिए गेर्जिम्मेदार लोग आगे आकर खड़े हो जाते है ओर बाद में इसका वे फायदा उठाते है.भ्रसटाचार को मिटाने की कोशिश हो या बोक्सिंग हो ,योग की शिक्षा हो या फिर स्कूल में नयी योजनाये सम्मिलित होने का कार्य हो,चुनावी प्रचार हो या किसी मंत्री के अच्छे काम की सराहना हो”मैंने देखा है,कई बार गलत लोग उसमे घुसकर उन चीजों के मायने ही बदल देते है.
पिछाले दिनों भ्रसटाचार के खिलाफ रेली निकाली गई उसमे कुछ ऐसे भी तत्त्व शामिल थे जिन्हें इन बातो से दूर दूर तक कोई मतलब ना था ,पर वो शामिल थे ?क्यों कर? क्योकि असली फायदा तो वही उठाने वाले है.हम जानते है किसी को चीनी ना खाने की शिक्षा तब नहीं दी जानी चाहिए जब तक आप स्वयं उस चीनी खाने की आदत से मुक्त ना हो.ओर यही असल चीज़ है की जब तक आप स्वयं तेयार ना हो ,आप उस कार्य के मूल्य को ना समझ रहे हो ,उस कार्य का किया जाना निरर्थक है.दरअसल परिवर्तन संसार का नियम है पर वो नियम व्यक्ति की स्वछंदता में हस्तछेप करता हुआ नहीं होना चाहिए.आप कहे की अनशन किया जाना जरुरी है पर किसी को जानबूझकर अनशन में झोक देना कहा तक उचित है .आज यूथ सजग है ,जिम्मेदार है.वो साहसिक कार्यो के लिए आगे आना चाहता है. पर हमारे बुजुर्गो की इसमें नेतिक रूप से बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वो इन युवा वर्ग को एक सही रास्ते में ले जा सके.उन्हें बहकाने से किसी का भी कुछ भला नहीं होने वाला. क्या ही अच्छा हो कि आपके साथ खड़ा होने वाला यूथ स्वयं भी एक जिम्मेदार नागरिक हो .वो समझ सके कि अपनी आत्मा को अपने धरती माँ के साथ जोड़कर सारे फेसले लेने का सही वक्त आ गया है. बड़ी ख़ुशी होती है जब भारत के लोगो को यहाँ वहा कई प्रतिभावो को आगे आते देखते है तो क्यों ना नए साल में अपनी सोच का दायरा बडाये .हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारत में पैदा हुए है ओर इसकी सुन्दरता को हमें अपनी विनम्रता से ओर भी बढाना चाहिए.” जय हिंद ”
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