Menu
blogid : 761 postid : 495

दो शब्द “डर्टी पिक्चर ”

sushma's view
sushma's view
  • 63 Posts
  • 330 Comments

विद्या बालन और डर्टी पिक्चर के बीच कितना फासला था समझ से परे होते हुए भी बहुत कुछ जैसे कह गया .मैंने क्या देखा ,पिक्चर में क्या दिखाया गया दोनों की दिशा कही अलग नहीं थी.पर देख कर ऐसा लगा की हम कहा है .जो दूरी शरीफों और शराफत के बीच दिखाई गयी थी उसमे उतनी ही सच्चाई थी जितनी की माँ के प्यार में होती है.विद्या का चरित्र और उस चरित्र को निभाने का दम ख़म बिरले ही दिखा पाते है. जो विद्या ने दिखाया है .मुझे लगता है सोचने और देखने में बड़ा फरक होता है.सभी की एक अलग आईडेन्टिटी एक अलग सोच होती है ,हम वास्तविकता को उसी नजरिये से देखना पसंद करते है. vidya in pink dressपर क्या है वो जो दिखाया गया है. क्या सिल्क को जिन्दा करना परदे पर उस चरित्र को निभाना ,,,,एक बड़ा साहस का काम नहीं है.बड़े ही दरिया दिली से विद्या बालन ने उसे परदे के पीछे जीवित किया है.
vidhya balan सच कहू तो पिक्चर के शुरू होते ही मन बड़ा ख़राब हो गया किसी तरह विद्या की मासूम खूबसूरती को भुला कर बिलकुल बोल्ड सीन देखने का प्रयास किया .सचमुच एक एक सीन विद्या को दिखाते दिखाते न जाने कब” सिल्क स्मिता” को दिखाने लगा पता ही नहीं चला . देखने की नजर अब बदल गयी थी वहा विद्या कहा थी वहा तो बस सिल्क थी अपने पुरे होशो हवास में. पूरी फिल्म बदल गयी थी सिल्क के जीवन चरित्र को देखने की इच्छा जितनी प्रबल हो रही थी वाही अनायास ही उसके जीवन चरित्र से नफरत भी हो रही थी .मन में सेकड़ो सवाल उतर रहे थे.क्या वाकई में सिल्क को पेसे की प्रसिधी की इतनी चाह थी की उसने कुछ भी भला बुरा नहीं सोचा ,और पिक्चर के मध्यान्ह से लेकर अंत तक और खासकर वहा से जहा से सिल्क की उतार ,जब उसका जादू ख़त्म होने को होता है ,से देखा जाये तो उसकी जिंदगी के प्रति जीने की एक अलग ही लालसा को देखना कितना कष्टप्रद है तब सिल्क के प्रति एक सहानुभूति जाग्रत हो जाती है.
vid1मैं नहीं जानती की ऐसा सबके साथ हुआ होगा या एक लड़की एक औरत एक woman या फिर पूरी दुनिया से चीख चीख कर हकीक़त कहती सिल्क ने अपने दर्द से समझा होगा. एकदम से मेरे मन के आँखों में वो हरेक लड़की उभर आती है. जो इस दुनिया में घूम रही है इन धोखो के बीच ,कई उतार चदाव को देखती समझती हुई………………यहाँ लगा जैसे सभी सिल्क की ही कहानी को लेकर इधर उधर घूम रही है………असल में बात तो वही है.जो लोग देखना चाहते है वो बड़े ओहदों में बैठे हुए है मुफ्त में सिल्क बदनाम होकर चली गयी…..
सिल्क के लिए नसीर [नाम याद नहीं] का प्यार ही सबसे बड़ी जिंदगी थी पर उसे क्या मिला …गलती कहा थी…..सब कहेंगे जब पता था तो सिल्क को ऐसा नहीं करना चाहिए था…..तो क्या नसीर को करना चाहिए था…….मसला तो वही है….बात तो वही है सिल्क ही क्यों गलत है क्यों नहीं गलत है , वो लोग जो सिल्क को बनाते है ……..परिस्तिथिया कैसी भी हो हमें ,लड़कियों को औरतो को women को बहुत समझदार होना पड़ेगा …..यहाँ नसीर जैसे कई कलाकार है जो सिल्क को पैदा तो कर सकते है पर पाल नहीं सकते.उसकी सांसे ले तो सकते है पर अपनी “स ” भी देने में उन्हें खासी गरज है.
मुझे बड़ी ग्लानी हुई पिक्चर के खात्मे को देखते हुए ,क्यों सिल्क अपनी इच्छाओ को सही उड़ान नहीं दे पाई.क्यों सिल्क इमरान के साथ जी नहीं पाई ….आखिर क्यों नहीं फिर उसने हिम्मत की खड़े होने की सब कुछ बदल देने की.पिक्चर देखकर सिल्क की बेशर्मी से ज्यादा उसकी फ्रसटेशन दिखाई देती है अपने प्यार को न पा पाने की.उसके गर्त में जाने का ये भी एक बड़ा कारण था जिसे वो चकाचोंध में बिलकुल भुला बैठी की ये सच नहीं है ये लम्बी जिंदगी की दुआ नहीं है……………………………………………………………………………………………………….. प्रभु उस व्यतिथ आत्मा को शांति प्रदान करे.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to Rajesh DubeyCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh