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आज बड़े दिन बाद अवकाश का समय मिला है. आप के लिए नयी बनायीं कुछ इस तरह पेशे खिदमत है .

sushma's view
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खिलाफत

खिलाफत ही जरुरी नहीं हर जुर्म के वास्ते
कुछ दर्द सहने का भी माअददा जरुरी है

मैं और हम के बीच कोई सियासत नहीं
मैं से हम होने का रास्ता जरुरी है.

मैं क्यों कहू वो गलत है, तेरे कहने पे
मुझसे भी उसके गलत का वास्ता जरुरी है.

हर नाकामयाबी टूटने के लिए ही नहीं होती,
मंजिल तक पहुचने के लिए हादसा जरुरी है

हर हार जीत का इशारा भर है , जो मान लो
यक़ीनन चैन की चेन से पहले इक तूफान जरुरी है

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