sushma's view
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मालूम नहीं है
इतना दूर होते
हुए भी
इतने करीब आ जाओगे
तुम
सबसे अलग मेरी
आँखों के चाहत बन
के बस जाओगे
शायद तुम ही थे वो
जिसे मैं रही
खोजती
अब रुक भी जाओ
हमदम हमारे पास
हमारे बाद
कहा जाओगे
तुम मेरी तलाश हो
मेरी आरजू
का खवाब
फिर तुम्हारी यादो को
कैसे न अपना
बना लू
बस एक वादा करो
किसके बने हो
ये हमें बता के जाओगे
किस तरह बताऊँ
मैं दिल के
उठते तूफान,किस तरह
रोकू आंधी भरे
ये जज्बात
आसान है फिर ये
कहना जहाँ तुम जाओगे
वहां हम जायेंगे
मुझे बस तुम्हारा
शब्द मात्र
चाहिए
दिल में जो बस जाये
वो बहार चाहिए
फिर डर कैसा है
तुमको
हमसे मिलकर
खुद को कहाँ
पाओगे
मासूम सी चाहत है मेरी
शब्दों का
हल्का इजहार मेरा
सोच तुम्हारी
खुश होना दे के
हम करेंगे इंतजार
तुम्हारा तुम कभी
न कभी तो आओगे
आपकी आप सब की अमूल्य प्रतिक्रिया का सदेव इंतजार है.
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