Menu
blogid : 761 postid : 294

जीवन ही तुम हो और तुम ही जीवन हो

sushma's view
sushma's view
  • 63 Posts
  • 330 Comments

DSC01026
मालूम नहीं है मुझे
तुम जैसे
यादो को कितनी बार देते
है जनम
कितनी जल्दी भूल जाते है
उनका मर्म.
शायद बहुत जल्दी
रहती है तुम्हे
तुम डर जाते हो
जिन्दगी से
DSC01066
पर मेरे दोस्त क्या
कोई भाग सका है
जिन्दगी से
जीवन ही तुम हो और तुम
ही जीवन हो
तुम सवयं पनपोगे तो
जीवन सवयं पनपेगा ही क्योकि
तुम ही जीवन हो
DSC01075
पहेली है
अनजान सी
जिसे तुम समझ नहीं
रहे हो पर सच बतलाना
क्या तुम्हारे पास भी
उन सभी यादो से
दूर भागने का कोई रास्ता है
यादे तो तुम्हारी
अपनी है
DSC01031
DSC01106
DSC01022
तुम्हारा अपना ही उनसे
वास्ता है
फिर हरेक याद को
कब तक
तुम समझते रहोगे
या
यु ही इसे जिन्दगी का
एक अहम्
हिस्सा समझ कर
पल पल बहकते रहोगे
DSC01004
क्या अब भी
तुम्हे डर नहीं लगता सबसे
लेकिन नहीं
तुम तो सबके साथ
DSC01074
जुड़ चुके हो
पर कभी झांक लेना
सवयं में
DSC01012
तुम याद बनकर ही
सबसे अलग
कितना टूट चुके हो
DSC01022

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh