sushma's view
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मुझे मार के मेरे कातिल आंसू बहाया करेंगे.
मेरी वफ़ा का चर्चा खुद ही सुनाया करेंगे.
मेरे गम को सुनकर “सुन लो” रोने वालो
जो न आये थे वो भी अब आया करेंगे
हसते थे जो हम पर हमारी मौत से पहले
अब कहा वो इस तरह से मुस्कुराया करेंगे
सुनके बातो को हमारी जो करते थे शिकवा
हमारी चर्चा में वो भी वक्त जाया करेंगे
हम तो चले उड़ के वहा ख़ामोशी है जहा
अब जाके फरिश्तो को हम दास्ता अपनी सुनाया करेंगे
रुलाते थे जो बात बात पर “सुषमा”
वादा ठहरा था अब हम उनको रुलाया करेंगे.
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