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जरा मुस्कराएगा.

sushma's view
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दम तोड़ते हम यहाँ कुछ देर आइयेगा
जनाजा निकले हमारा तो जरा मुस्कराएगा.जरा मुस्कराएगा.
मौत हमें एक ही बार मिलेगी सुषमा,
जिंदा ना रहे गर तो आप किसे सताएगा
मोजुदा हालत बड़े बेरहम दिलजले हो गये
अब तो आप हमें भूल ही जाइयेगा
सोना सोना था चांदी क्या समझा गर
ना कभी इन्हें बदलने कि कसम खाइएगा
बेइंतहा मोहबत हमसे दिखानी है आपको
तो जनाजा निकले हमारा तो जरा मुस्कुरायेगा.

आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार है. ये कविता मैंने काफी पहले लिखी है.जब मैं छठी कक्षा में पड़ा करती थी.

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