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1 दिसम्बर एक महत्वपूर्ण दिन क्यों ?
क्योकि इसी दिन केवल याद करना पड़ता है की आप इतने सुरक्षित हो जाये की एड्स न हो .
नहीं मेरा मखोल उड़ाने का कतई इरादा नहीं है, बल्कि मैं ये बताना चाहती हू की इसमें अतिरिक्त केयर की आवस्यकता है.किसी उम्र को समझाने के लिए,लम्बे से भासन की नहीं वरन उस वस्तु के अहम् गयान की आवस्यकता होती है.आप किसी भी उम्र के लोगो को एक ही तरह से ही treat नहीं कर सकते. और जिस उम्र को आप ये बात चीख चीख कर समझाना चाहते है,उनकी तो बुद्धि इस वक्त चलती ही नहीं है.
आप बात करते है की स्कूल में सेक्स शिक्षा होनी चाहिए.अरे भाई जिस उम्र को सर्दियों में ठण्ड तक नहीं लगती उस उम्र को आप एक period और मस्ती के देना चाह रहे है.
और उनकी तो बात ही क्या जो या तो बेहद शर्मीले है या फिर बेहद उत्तेजक है.
बीच वाले हमेशा फायदे में रहते है चाहे हम बात मिडिल फेमिली की करे या छक्को की या फिर उनकी जो दोनों तरफ बात को रखना जानते है.ये कभी गड़बड़ नहीं करते .इन्हें मालूम होता है की हमने क्या और कब करना है.कैसे करना है.और क्यों करना है.
आप देंखेगे की प्यार अक्सर उन लोगो को होता है ,जो इनसे दूर भागते है.जबकि उनको नहीं होता जो बीच में रहते है.
तो कुछ ऐसे प्रोजेक्ट की जरुरत नहीं! जो इनके लिए खास कर बनाये जाये.जो इनकी इनकी तरह से ही मदद कर पाए.
मेरे विचार इस सन्दर्भ में इस तरह है.
१-कुछ छोटी workshop रखी जाये या कुछ ऐसा संयोजन किया जाये की बच्चे अपने छोटे समूहों में एड्स से सम्बंधित जानकारी ले सके व् आदान प्रदान कर सके.
इन छोटे समूहों में उन्हें स्वतंत्रता दी जाये की वो अपने समूह के साथ जानकारी ले सके.
२- यहाँ पर sample रूप में वो सब चीजे उन्हें दिखाई जाये और अगर उन्हें जरुरत हो तो दी भी जाये.एक प्रोसेस जागरूकता,सावधानिया,और चीजो का इस्तेमाल.जाँच,सुविधा केंद्र. सभी को प्रयोगात्मक तरीके से वही पर ले जाकर दिखाया जाये.ताकि वो इन सब से स्वयं रूबरू हो सके.
३-बच्चो को प्रयोगात्मक तरीके में ही एड्स रोगियों से मिलवाया जाये ताकि वो उनसे मिल कर एड्स की भयावता को करीब से जान सके.वो जान सके की कैसे आपकी छोटी सी गलती आपको निश्चित मौत तक पंहुचा देती है.मरने से पहले की जीने की लालसा कैसी तड़प भरती है जीवन में.
४-अनिवार्य रूप से सभी बच्चो का टेस्ट कराया जाये जो की नितांत गुप्त रखा जाये इसे रक्तदान की ही तरह जागरूकता से जोड़ा जाये.
५-किताबो के जरिये जो निश्चित रूप से course से संबधित न हो, बच्चो को स्कूल में बाट कर जागरूकता फेलाई जाये.
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