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कही का गम कही पर क्यों निकले

sushma's view
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बेलगाम होती संस्कृति ; न जाने कहा जा रही है.हम बात कर रहे है यूथ की. जो अगर अपने करिअर के प्रति जागरूक है तो बहुत कुछ अंदर ऐसा भी हो रहा है जो कतई सही नहीं है. अभी कल की ही बात है,एक पब्लिक प्लेस में बैठी थी,बगल में ही एक लड़की अपने बॉय फ्रेंड से बाते कर रही थी.बाते क्या शायद उनके बीच ब्रेक अप हो गया था जिससे लड़की बड़ी परेशान थी.और आत्महत्या के बारे में बात कर रही थी.
लड़की अपने बॉय फ्रेंड से कह रही थी,अगर तुमने अपने माँ बाप की पसंद से ही शादी करनी है तो मुझसे इतना आगे का रिलेशन क्यों बनाया? लड़का क्या कह रहा था नहीं मालूम. पर अंदाजा लग रहा था वो ऐसे सीचूवेशन में क्या कह रहा होगा .
मैं सोचती हू दोनों की परिस्तिथि आगे क्या करवाएगी.दोनों में से जो भी अपनी फीलिंग्स में सच्चा होगा उसे ये जिंदगी का करारा झापड़ पुरे जीवन भर याद रहेगा.आगे आने वाली हर भावनात्मक संबंधो को वो इसी नजरिये से देखेगी या देखेगा. उसके लिए प्यार का पवित्र रिश्ता एक कड़वाहट भरा अनुभव रहेगा.वो इस रिश्ते को हमेशा इसी नजरिये से तोलेगा.देखेगा.
वो जखम कहाँ कहाँ निकलेगा पता नहीं?
उस लड़के को आगे जो रिश्ता मिलेगा हम कह सकते है कि वो सही रिश्ता निभाएगा.
वो लड़की जिसने चोट खायी है क्या साडी जिंदगी इस दर्द को भूल पायेगी.

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